अजब गजब: मुंह की जगह पैरों से सांस लेता है ये अनोखा बंदर, बुरे हाल में अपने आपको बचाने के लिए करता है तरकीबों का इस्तेमाल, जानें इस तीन आंखों वाले जीव के बारे में

मुंह की जगह पैरों से सांस लेता है ये अनोखा बंदर, बुरे हाल में अपने आपको बचाने के लिए करता है तरकीबों का इस्तेमाल, जानें इस तीन आंखों वाले जीव के बारे में
  • मुंह की जगह पैरों से लेता है सांस
  • अपने आपको बचाने के लिए करता है तरकीबों का इस्तेमाल
  • तीन आंखों वाला जीव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपने बहुत से अजीबों गरीब जानवरों के बारे में सुना होगा। ऐसा ही एक समुद्री जानवर है, जो मुंह की जगह पैरों से सांस लेता है। साथ ही इस जानवर की तीन आंखे होती हैं। यह जानवर बुरे से बुरे हालात में भी अपने आप को बचाने का तरीका ढूंढ ही लेता है। इस जीव का नाम समुद्री बंदर है इसके अलावा इसको सी मंकी के नाम से भी जाना जाता है। समुद्री बंदर या सी मंकी आकार में तो छोटे होते हैं। लेकिन बहुत आकर्षक होते हैं इससे बच्चे और बड़े दोनों ही आकर्षित होते हैं। यह एक तरह के झींगे हैं, जो नमकीन होते हैं। इन्हें वैज्ञानिक रूप से आर्टेमिया सलीना के नाम से जाना जाता है। ये जीव तभी जीवित होते हैं जब इनके अंडो में पानी डाला जाता है। जो सालों तक निष्क्रिय रहते हैं। पहली बार साल 1950 के दशक में ''इंस्टेंट पेट'' के रूप में इनकी मार्केटिंग की गई थी। तभी से ये एक लोकप्रिय विज्ञान प्रयोग और नवीनता वस्तु बन गए।

कब हुई इनकी शुरुआत

समुद्री बंदर की शुरूआत साल 1957 में होरोल्ड वॉन ब्रौनहुत नेका ने इनको जानवर के रूप में बना कर की थी। उन्होंने सरल देखभाल के दौरान आसान पालतू जानवरों के अपील को पहचाना और चींटी फार्म की सफलता पर अपना निर्माण किया। उनका मकसद एक ऐसा प्रोडक्ट बनाना था। जिसे सिर्फ पानी से जीवित किया जा सके। इसके बाद सी मंकीज बड़ों से लेकर बच्चों तक सभी के पसंदीदा हो गए। जिसमें सबसे बड़ी भूमिका उनके चतुराई से दिए गए नाम सी मंकी की थी।

चले जाते है मृत हालत में

सी-मंकी में एक खास काबिलियत होती है। जिसमें सी मंकी क्रिप्टोबायोसिस की हालात में जा सकते हैं। क्रिप्टोबायोसिस के कारण अंडे कई सालों तक मृत जैसे हो जाते हैं। इन पर पानी डालने से ये फिर से जीवित हो जाते हैं। अंडो पर पानी डालने से ये अंडे तुरंत फूटने लगते हैं, और इससे छोटे-छोटे जीव निकलते हैं। इन्हें नॉप्लिअस लार्वा कहा जाता है। 8-10 हफ्तों के अंदर ही ये लार्वा पूरी तरह परिपक्व वयस्कों में तैयार हो जाते हैं। इस प्रकिया को देखना इनके पालने वालों के लिए खुशी की बात होती है।

पैरों से लेते हैं सांस

इनकी सबसे बड़ी और असामान्य विशेषता यह है, कि ये अपने पैरों से सांस लेते हैं। इसे शाखा श्वसन कहा जाता है। जिसमें ये पानी में ऑक्सीजन लेने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह ढलने की आकर्षक काबिलियत कई सारे जलीय जीवों में सामान्य है।

तीन आंखों से देखते है ये जीव

सी-मंकी जब पैदा होते हैं, तब ये एक आंख के साथ पैदा होते हैं। लेकिन जैसे ही वो बड़े होते हैं, वैसे ही उनकी दो आंखे भी विकसित हो जाती हैं। जिससे इनकी आंखों की संख्या 1 से बढ़कर 3 हो जाती है। यह विकास जलीय जीवों के कुछ प्रजातियों में कोई एक जीव बनाता है। जिनके पास यह 3 आंखों की व्यवस्था होती है। यह बहुत ही फोटोटैक्टिक होते हैं। इसका मतलब यह प्रकाश की तरफ आकर्षित होते हैं। जब आप उनके पानी के टैंक में टोर्च जला कर देखेंगे तो वह प्रकाश की ओर तैरते नजर आएगें। इनका आकार केवल 2 इंच होता है, ये जीव सिर्फ 2 से 3 महीने ही जीवित रहते हैं। साथ ही यह जलीय जीव बिना किसी गुरुत्व माहौल के भी पनप सकते हैं।

Created On :   24 Sept 2024 6:19 PM IST

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